कई बार जातक व जातिका की जन्म कुंडली में सब ग्रह अच्छे होते हैं फिर भी जीवन में उन्नति नहीं होती, धन लाभ नहीं होता, जीवन में अशान्ति बनी रहती हैं, किसी काम में मन नहीं लगता। इसका कारण कहीं जन्म पञी में किसी ग्रह का दोष तो नहीं हैं। हम यहाँ पर जन्म पञी में ग्रहों के द्वारा होने वाले दोषों का विवरण लिख रहें हैं जिनकी पाठ पूजा करके अपने जीवन को सुखी कर सकें व धन लाभ प्राप्त कर सकें।
जन्म कुंङली में लग्न से 8 या 12 भाव में यदि सूर्य बैठा हुआ हो जैसा कि चित्र में दिखाया गया है तो इस कुंडली में देवी का दोष बनता हैं। तुम्हारी कोई मन्नत अधुरी रह गई हैं उसे पूरा करें और देवी के मंदिर में जाकर नारियल व प्रसाद चढ़ाएँ व उनसे क्षमा मागें।
जन्म कुंङली में लग्न से 8 या 12 भाव में चंद्रमा के बैठे होने पर कुवांरे पिञ का दोष बनता हैं जैसा कि दूसरे चित्र में दिखाया गया है जातक व जातिका किसी कुवांरे लङके को अमावस के दिन मिठाई व फल-फुल दें और यमुना जी का जल घर में छिङकें।
PICTURE
जातक व जातिका की जन्म कुंङली में लग्न से 8 या 12 भाव में मंगल बैठा हो जैसा कि चित्र में दिखाया गया है तो इस कुंडली में शाकनी व कोई ऊपरी हवा का दोष बनता हैं। इस के लिये किसी झाङ फूक वाले से इलाज कराएँ।
PICTURE
यदि किसी की जन्म कुंङली में लग्न से 8 या 12 भाव में बुध बैठा हो जैसा कि दूसरे चित्र में दिखाया गया है तो जातक व जातिका पर तिराहे व चौराहे वाली देवी का दोष बनता हैं। इसके लिये देवी की पूजा करें और चौराहे-तिराहे के बीच में ना चलें।
PICTURE
जातक व जातिका की जन्म कुंङली में लग्न से 8 या 12 भाव में यदि गुरु बैठा हुआ हो जैसा कि तीसरे चित्र में दिखाया गया है तो इस कुंडली में पिञ दोष बनता हैं। इसके लिये अमावस व श्राद्ध तिथि पर पिञों के निमित ब्राह्मण भोजन कराएँ और गाय को चारा दें।
PICTURE
यदि जातक व जातिका की जन्म कुंङली में लग्न से 8 या 12 भाव में शुक्र बैठा हुआ हो जैसा कि चित्र में दिखाया गया है तो इस कुंडली में यमुना जी का दोष होता हैं। इस कारण आप यमुना जी में स्नान करें, एक बार विश्रामघाट मथुरा जी में जाकर स्नान करें व क्षमा मागें तथा राधा मोहन का जाप करें।
PICTURE
यदि किसी की जन्म कुंङली में लग्न से 8 या 12 भाव में शनि बैठा हुआ हो जैसा कि दूसरे चित्र में दिखाया गया है तो इस कुंडली में इष्टदेव और ॠषि-मुनियों का दोष होता हैं। इसके लिये आप इष्टदेव का भजन करें व ॠषि-मुनियों का तर्पण करें।
PICTURE
यदि जातक व जातिका की जन्म कुंङली में लग्न से 8 या 12 भाव में राहु या फिर केतु(दोनों में से एक ग्रह) बैठे हो जैसा कि तीसरे चित्र में दिखाया गया है तो इस कुंडली में प्रेत दोष होता हैं। घर का कोई पूर्वज प्रेत योनि में दुखी हैं। इस कारण अपने पूर्वजो को प्रेत योनि से छुटकारा दिलाने के लिये कुरुक्षञ, हरिद्वार और मथुरा आदि में प्रेत शान्ति करवाएँ।
PICTURE
1 : यदि जातक व जातिका की कुंडली में मेष लग्न हो जैसा कि चित्र में दिखाया गया है तो जानना चाहिए कि कुंडली में पितृ दोष बना है
PICTURE
उपाय : अमावस्या को विद्वान ब्राम्हण को भोजन कराये। दूध, फल और मिठाई आदि का दान कम से कम 5 अमावस्या को करे। इससे वंश की वृद्वि व घर परिवार में शांति होगी।
2 : यदि जातक व जातिका की कुंडली में वृष लग्न हो जैसा कि दूसरे चित्र में दिखाया गया है तो जानना चाहिए कि कुंडली में भगवती देवी का दोष बना है। चित्र
PICTURE
उपाय : माँ भगवती पर नारियल और चुन्नी चढ़ाये व दुर्गा चालीसा का पाठ करे। जिससे माँ की कृपा से सभी रुके कार्य पुरे होंगे व धन-धान्य बढ़ेगा।
3 : यदि जातक व जातिका की कुंडली में मिथुन लग्न हो जैसा कि चित्र में दिखाया गया है तो जानना चाहिए कि कुंडली में यमुना जी का दोष बनता है। चित्र
PICTURE
उपाय : यमुना जी में 5 रविवार या 5 शनिवार को स्नान करे। जिससे आपका पुण्य बढ़ेगा तथा भगवन की कृपा से सुख शांति मिलेगी।
4 : यदि जातक व जातिका की कुंडली में कर्क लग्न हो जैसा कि दूसरे चित्र में दिखाया गया है तो जानना चाहिए कि कुंडली में शाकनी देवी का दोष बनता है। चित्र
PICTURE
उपाय : शीतला देवी की पूजा करे, कुत्तो को रोटी डाले और जंडी के पेड़ पर पानी चढ़ाये। जिससे सभी परेशानी व बंधन दूर होकर शांति मिलेगी।
5 : यदि जातक व जातिका की कुंडली में सिंह लग्न हो जैसा कि चित्र में दिखाया गया है तो जानना चाहिए कि कुंडली में प्रेत दोष बनता है। चित्र
PICTURE
उपाय : प्रेत बाधा बड़ी ख़राब होती है इसमें वंश वृद्धि रुक जाती है और घर में कलह होता है। इस कारण गया जी में या हरिद्वार में जाकर प्रेत की शांति करे। इस समय गायत्री जी का पाठ भी शुभ रहेगा। जिससे परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी।
6 : यदि जातक व जातिका की कुंडली में कन्या लग्न हो जैसा कि चित्र में दिखाया गया है तो जानना चाहिए कि कुंडली में नवग्रह पीड़ा होती है। चित्र
PICTURE
उपाय : नवग्रह हमारे शरीर में मालिक है। इनके नाराज होने पर शरीर कष्ट होता है व मन और बुद्धि निर्णय नहीं कर पाते इस कारण समय-समय नवग्रह की पूजा व दान किसी विद्वान ब्राम्हण से करा कर सुख प्राप्त करे।
7 : यदि जातक व जातिका की कुंडली में तुला लग्न हो जैसा कि चित्र में दिखाया गया है तो जानना चाहिए कि कुंडली में झेत्रपाल का दोषी बनता है। चित्र
PICTURE
उपाय : झेत्रपाल देवता 51 होते है जो सभी झेत्र की रक्षा करते है किसी कार्य या झेत्र में रुकावट या परेशानी हो तो इनकी पूजा से सभी बाधा दूर होता है पूजा किसी विद्वान ब्राम्हण से कराये जिससे दोष दूर होकर सभी कार्य पुरे हो।
8 : यदि जातक व जातिका की कुंडली में वृश्चिक लग्न हो जैसा कि चित्र में दिखाया गया है तो जानना चाहिए कि कुंडली में कुल देवता या कुल देवी का दोष होता है। चित्र
PICTURE
उपाय : अपने कुल का कोई देवी-देवता या खेत में कोई थान आदि बना हो तो उनकी पूजा विवाह, उत्सव आदि में ना करने से नाराज होकर परिवार में कलय आदि करते है तब इनकी पूजा से सब परिवार को शांति मिली है।
9 : यदि जातक व जातिका की कुंडली में धनु लग्न हो जैसा कि चित्र में दिखाया गया है तो जानना चाहिए कि कुंडली में आसुरी दोष बनता है। चित्र
PICTURE
उपाय : आसुरी दोष में किसी ने कुछ करा दिया है या किये-कराये पर पैर पड़ गया है इस कारण चौराहे-तिराहे पर बच कर चले व हनुमान चालीसा का रोज पाठ करे या मेंहदीपुर बाला जी से दर्शन करने से हनुमान जी की कृपा से आसुरी दोष दूर होकर शांति मिलेगी।
10 : यदि जातक व जातिका की कुंडली में मकर लग्न हो जैसा कि चित्र में दिखाया गया है तो जानना चाहिए कि कुंडली में दुर्गा देवी का दोष होता है। चित्र
PICTURE
उपाय : कोई मन्नत आपने मांगी वह आपने पूरी नहीं की। इस कारण माँ भगवती पर नारियल और चुन्नी चढ़ावे व प्रसाद बाटे।
11 : यदि जातक व जातिका की कुंडली में कुंभ लग्न हो जैसा कि चित्र में दिखाया गया है तो जानना चाहिए कि कुंडली में गायत्री माता का दोषों होता है। चित्र
PICTURE
उपाय : गायत्री मंत्र का पाठ करे व हवन करे मन, बुद्धि को स्थिर करने के लिए सभी को रोज गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए जिससे सही निर्णय हो सके।
गायत्री मंत्र : ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
12 : यदि जातक व जातिका की कुंडली में मीन लग्न हो जैसा कि चित्र में दिखाया गया है तो जानना चाहिए कि कुंडली में यमुना जी का दोष होता है। चित्र
PICTURE
उपाय : कोई कुंवारा पितृ दुखी है या परेशान है इस कारण इसकी शांति करे। यमुना जी में स्नान करने से व किसी ब्राम्हण के लड़के को अमावस को भोजन करावे जिससे उसकी तृप्ति होगी व घर परिवार में सुख शांति रहेगी।