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श्रीजीज्योतिष

भगवान और देवी-देवता के मंत्र


श्री राधा-कृष्ण मंत्र :


श्री राधे।। जय श्री राधे।। राधा-राधा।। श्री राधा कृष्णाभ्याम् नमः ।।
श्री कृष्णः शरणं मम्।।
महामंञ--श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेव ।।
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणतः क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः ।।



श्री विष्णु भगवान मंत्र :


ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।।
ॐ नमो नारायणाय ।।



श्री शिव जी मंञः


ॐ नमः शिवाय ।।
ॐ शिवाय नमः ।।
महामृत्युंजय मंञ :- ॐ ह्रौं जूँ सः, ॐ भूर्भुव: स्वः । ॐ ञ्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्व्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् । ॐ भूर्भुव: स्वः ॐ सः जूँ ह्रौं ॐ ।।
मृत्युंजय मंञः--ॐ ञ्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्व्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात ।।



हनुमान जी का मंञः :


ॐ नमो भगवते रुद्राय सर्व भूतात्मने, हनुमते सर्वात्म संयोग पद्मपीठात्मने नमः हं हनुमते नमः ।।



श्री राम मंत्र :


श्री राम जय राम जय जय राम ।।
राम-राम ।।
ॐ रां रामाय नमः।।



श्री महालक्ष्मी मन्ञा :


ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः ।।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः ।।
ॐ श्री ह्रीं श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ।।
श्री ह्रीं श्री महालक्ष्म्यै नमः ।।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः ।।
ॐ ह्रीं महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नीम् च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ह्रीं ॐ ।।



दुर्गा जी का मंञ :


ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नमः ।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ।।



गणेश जी का मंञ :


ॐ गं गणपतये नमः ।।



बगुलामुखी देवी का मंञ :


ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदम् । स्तम्भय जिह्लां कीलय कीलय बुद्धि नाशय ह्लीं ॐ स्वाहा ।।



कुबेर मंञ :


ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्यधिपतये । धनधान्यसमृद्धि मे देहि दापय स्वाहा ।।



अन्नापूर्णा मन्ञ :


ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नमो भगवती माहेश्वरी अन्नपूर्णे स्वाहा ।।



गायञी मंञ :


ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।।



पितृगायञी मंञ :


ॐ तत्पुरुषाय विद्महे । मूर्ता अमूर्ताय च धीमहि तन्नो अर्यमा प्रचोदयात् ।।



नाग गायञी मन्ञ :


ॐ नव कुलाय विद्महे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्पः प्रचोदयात् ।।



गणेश गायञी :


ॐ एक दन्ताय विद्महे । वक्रतुंडाय च धीमहि तन्नो दंति प्रचोदयात् ।।



नारायण गायञी :


ॐ नारायणाय च विद्महे । वासुदेवाय च धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ।।



नवग्रह मंत्र :


सुर्यमंञ : ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः ।।
चन्द्र मंञ : ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः ।।
मंगल मंञ : ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः ।।
बुध मंञ : ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः ।।
गुरु मंञ : ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः ।।
शुक्र मंञ : ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः ।।
शनि मंञ : ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः ।।
राहु मंञ : ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः ।।
केतु मंञ : ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः ।।




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