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श्रीजीज्योतिष

श्रीजी ज्योतिष में आपका स्वागत हैं।



ज्योतिष एक गणित है जिसके माध्यम से जातक व जातिका के बारे में जाना जाता है! यहाँ पर हम आपको ज्योतिष की मुख़्य बातो के बारे में बता रहे है जैसे कि - नव ग्रह और उनके शुभ व अशुभ फल , बारह राशियों और उनके फल , मुख्य योगो व दोषो आदि के बारे में बता रहे है इस वेबसाइट में मांगलिक और कालसर्प जैसे अशुभ योगो के कारणों व उनके शुभ और अशुभ प्रभावो के बारे में आपको अवगत करा रहे है जिनसे आप उनके बारे में और उनके उपायो को सही-सही जान सके जिन्हे आप स्वयं करके उनके अशुभ प्रभावो से बच सके व अपने जीवन को सुखमय बना सके !



   

इस वेबसाइट में हम आपको श्रीजी मंदिर की पूरी जानकारी दे रहे है कि ये मंदिर किसका है और इसकी स्थापना कब और किसने करवाई ! अंग फड़कन , स्वप्न , शनि व शनि की साढ़े-साती , पाया विचार , राहु काल, लड़के और लड़की के अनेको नाम, मंत्र आदि अनेक जानकारियाँ इस वेबसाइट में हम आपको दे रहे है! यहाँ पर हम आपको कुंडली बनाना भी सीखा रहे है!

श्रीजी ज्योतिष वेबसाइट पंडित श्री जयदेव गोस्वामी जी ने बनाई है उन्हें ज्योतिष का 35 वर्षो से भी ज्यादा का अनुभव है! पंडित श्री जयदेव गोस्वामी जी श्रीजी मंदिर , बरसाना (मथुरा) के पुजारी है!





राहु काल



शुभ कार्यो में विशेषतया त्याज्य

राहु काल का विचार शास्ञों में किया गया हैं। प्रतिदिन डेढ़ घंटे का समय राहु काल का होता है. जोकि अनिष्टकारक होता हैं। जिसमे शुभ कार्यारम्भ में यथासम्भव टाल देना चाहिये। दक्षिणी भारत में राहु काल का विशेष विचार किया जाता हैं। जो इस प्रकार से हैं



दिन समय
सोमवार प्रातः 7-30 से प्रातः 9-00 बजे तक
मंगलवार दोपहर 3-00 से दोपहर 4-30 बजे तक
बुधवार दोपहर 12-00 से दोपहर 1-30 बजे तक
गुरुवार दोपहर 1-30 से दोपहर 3-00 बजे तक
शुक्रवार प्रातः 10-30 से दोपहर 12-00 बजे तक
शनिवार प्रातः 9-00 से प्रातः 10-30 बजे तक
रविवार सायं 4-30 से सायं 6-00 बजे तक




   

नोटः -- इसी तरह हमारे शास्ञों में अभिजीत महुर्त का प्रचलन हैं इस समय के स्वामी विष्णु भगवान होते हैं। इस समय की रक्षा सुदर्शन चक्र करते हैं। यह समय दिन के मध्य से एक घटी पहले व एक घटी मध्य के बाद तक होता हैं। महुर्त ना होने पर किसी भी दिन, किसी भी तिथी में शुभ महुर्त किया जा सकता हैं। इस समय किये गये सभी कर्म सफल होते हैं।

दिनमान के अर्ध भाग में स्थानीय सुर्योदय जमा कर देनें से अभिजित मुहूर्त का मध्य भाग निकल आता हैं। एक घटी में 24 मिनट होते हैं।







आज का श्लोक








आज का पंचांग