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श्रीजीज्योतिष

ज्योतिष सीखिये


मंगल बक्री हैं कोई भी ग्रह बक्री हो तो उसका स्पष्ट इस तरह से होगा।


04-17-12-32     (10 मार्च से)
04-16-49-37     (11 मार्च को घटाया)
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00-00-22-55     (1 दिन का निकला)
00-00-11-27     (12 घंटे का निकाला)
00-00-05-43     (6 घंटे का निकाला)
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04-17-12-32     (10 मार्च से)
00-00-05-43     (6 घंटे का घटाया)
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04-17-06-49     (यह बक्री मंगल स्पष्ट निकला)


अब बुध ग्रह का स्पष्ट करते है।


11-12-39-45     (11 मार्च से)
11-12-23-38     (10 मार्च को घटाया)
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00-00-16-07     (शेष 1 दिन का)
00-00-08-03     (12 घंटे का)
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00-00-04-01     (6 घंटे का निकाला)
11-12-23-38     (10 तारीख में जोङा)
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11-12-27-39     (बुध स्पष्ट)


अब गुरु ग्रह का स्पष्ट करते है।


00-14-53-12     (11 मार्च से)
00-14-41-28     (10 मार्च को घटाया)
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00-00-11-44     (शेष 1 दिन का)
00-00-05-52     (12 घंटे का)
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00-00-02-56     (6 घंटे का निकाला)
00-14-41-28     (10 तारीख में जोङा)
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00-14-44-24     (गुरु स्पष्ट)


अब शुक्र ग्रह का स्पष्ट करते है।


00-12-02-59     (11 मार्च से)
00-10-58-02     (10 मार्च को घटाया)
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00-01-04-57     (शेष 1 दिन का)
00-00-32-28     (12 घंटे का)
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00-00-16-14     (6 घंटे का निकाला)
00-10-58-02     (10 तारीख में जोङा)
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00-11-14-16     (शुक्र स्पष्ट)


शनि ग्रह भी बक्री हैं तो उसका स्पष्ट इस प्रकार होगा :


06-04-38-38     (10 मार्च से)
06-04-35-34     (11 मार्च को घटाया)
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00-00-03-04     (1 दिन का निकला)
00-00-01-32     (12 घंटे का निकाला)
00-00-00-46     (6 घंटे का निकाला)
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06-04-38-38     (10 मार्च से)
00-00-00-46     (6 घंटे का घटाया)
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06-04-37-52     (यह बक्री शनि का स्पष्ट निकला)


राहु-केतु ग्रह हमेशा बक्री होते हैं इसलिये उनका स्पष्ट इस प्रकार होगा :


07-15-17-26     (10 मार्च से)
07-15-14-15     (11 मार्च को घटाया)
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00-00-03-11     (1 दिन का निकला)
00-00-01-35     (12 घंटे का निकाला)
00-00-00-47     (6 घंटे का निकाला)
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07-15-17-26     (10 मार्च से)
00-00-00-47     (6 घंटे का घटाया)
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07-15-16-39     (यह बक्री राहु का स्पष्ट निकला)
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01-15-16-39     (यह बक्री केतु का स्पष्ट हैं)




अब नवग्रह स्पष्ट इस प्रकार से लिखे :-


1 : सूर्य का स्पष्ट    : 10-26-2-13
2 : चन्द्र का स्पष्ट   : 05-21-31-7
3 : मंगल का स्पष्ट : 04-17-6-49
4 : बुध का स्पष्ट    : 11-12-27-39
5 : गुरु का स्पष्ट    : 00-14-44-24
6 : शुक्र का स्पष्ट    : 00-11-14-16
7 : शनि का स्पष्ट   : 06-04-37-52
8 : राहु का स्पष्ट    : 07-15-16-39
9 : केतु का स्पष्ट    : 01-15-16-39


अब हम इन सभी ग्रह स्पष्ट को कुंङली में बैठायेगें। ग्रह बैठाते समय 1 राशि आगे बैठाते हैं जैसे सूर्य स्पष्ट 10-26 पर हैं तो इसे ग्यारहवीं राशि में बैठाना पङेगा। इसी तरह सभी ग्रहों को बैठा कर इस प्रकार कुण्डली बनी।


kundlichakra

अब यह कुण्डली फलादेश के लिये तैयार हैं।


अब हम नाम निकालना बता रहे हैं। इसमें सबसे पहले चन्द्र स्पष्ट ले जो 5-21-31-07 हैं इसे दिवाकर पंचाँग में पेज नंबर 188 पर ग्रह के अंश कला आदि से चरण जानना । अब हमने अपने चन्द्र स्पष्ट को उसमें देखा तो पाया कि हस्त नक्षञ का चौथा चरण निकला। अब हम इस प्रकार लिखेगें कि जातक की राशि कन्या, नक्षञ हस्त, चरण 4, नाम अक्षर "ठ" निकला । इतिशुभम

अब हम आपको विंशोत्तरी दशा के माध्यम से भोग्य दशा निकालनी बता रहे हैं। सबसे पहले हमे जन्म नक्षञ के घटी पल व गत नक्षञ के घटी पल पंचाँग जान लें।

हस्त जन्म नक्षञ 19-5 घटी पल, गत नक्षञ उत्तरा फाल्गुनी 25-8 60 में से गत नक्षञ घटा कर जन्म नक्षञ जोङने से भभोग, इष्टकाल जोङने से भयात् होता हैं।

60-00
25-08    (गत नक्षञ घटाया)
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34-52
12-10-23    (शेष में इष्टकाल जोङा)
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47-02-23
60    (60 से गुणा करके घटी को पल बनाये)
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2820+2 = 2822
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2822*10 = 28220


पलो को चन्द्रमा की दशा 10 से गुणा किया जो भयात बना

60-00
25-08    (गत नक्षञ घटाया)
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34-52
19-05    (जन्म नक्षञ हस्त जोङा)
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54-57
60    (60 से गुणा करके घटी को पल बनाये)
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3240+57 = 3297     (ये भभोग बना)


अब भयात 28220 में भभोग 3297 का भाग देना हैं उसमें वर्ष, शेष को 12 से गुणा करके महीना, फिर शेष को 30 से गुना करके दिन निकाला जाता हैं। अब निकला 8 वर्ष, 7 महीना, 1 दिन ये भुक्त हुआ इसको चन्द्रमा की दशा 10 वर्ष से घटाने पर 1 वर्ष , 4 महीना 29 दिन भोग्य समय हुआ।


1 - 4 - 29 दिन को जन्म तिथि 10 मार्च 2012 सन् मे जोङा तब आया 9 -8 -2013 सन् तक चन्द्रमा की दशा चलेगी। इसमें मंगल की 7 वर्ष जोङने पर मंगल की दशा 9-8-2020 तक चलेगी। इसी तरह दशायें जोङते चलें। इतिशुभम् ॥







आज का पंचांग